Wednesday, December 1, 2010

अम्मा आज भी रोती है...

तेरी आने की आहट आज भी उसको सताती है
तू उसे छोड़ कहाँ चला गया
आज भी उसकी आँखे बात बात पे भर आती है
तू दुनिया की भीड़ में कहीं खो गया
अम्मा तरसती रही पर तू दूर हो गया
वोह तुम्हारे टूटे खिलोने, वोह पहने हुए कपडे
आज भी उसकी दौलत है
मैं बस इतना बताना चाहू कि
अम्मा आज भी रोती है

तू भूल गया वोह दिन जब तुझे रोता देख
वोह तड़प जाती थी
तू बोल नहीं पता था पर
तुझे सीने से लगा के, रात और दिन तुझसे बतियाती थी
अँधेरे से बचने के लिए वोह तुझे काजल का टीका लगाती थी
वोह आंसू और सिसकियाँ चिला चिला के तुझे बुलाते हैं
मैं बस इतना बताना चाहू की
अम्मा आज भी रोती है

क्या कसूर उसका जो उसने तुम्हे जन्म दिया
अपने लहू का दूध बना कर तुझको सजदा किया
उसकी बेजान आँखे तेरी आने की राह तकती है
मैं बस इतना बताना चाहू की
तू अब देर न कर
अम्मा आज भी बहुत रोती है

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